छत्तीसगढ़ी कविता, मजा लीजिए भोरहा होगे 😃 एक्सक्यूज मी प्लीज,भोरहा होगे। रांधना रिहिस भूंजवा,झोरहा होगे।। वादा करे रिहिस,बिजली बिल होही हाप। लोड परथ अलकरहा,नई होये माफ।। स्मार्ट मीटर लगे घरो घरो,तभोले चोरहा होंगे एक्सक्यूज मी प्लीज,भोरहा होगे.. शिक्षाकर्मी भर्ती अब,समझो सपना होगे। युक्तियुक्तकरन बफोति,अपना होंगे।। आटा के चक्कर में,संभाले गुरूजी डाटा। थोथना गड़े मोबाइल में,पढ़ाई लिखाई टाटा।। बाढ़त स्कुल अचानक, थोरहा होंगे एक्सक्यूज मी प्लीज.भोरहा होगे... घर बिगाड़े जन जन के, सरकारी भट्ठी। का बिहाव सगा सोदर,अउ मरनी छठठी।। माते युवा नशापान,जुआ चित्ती में। छूट जाथे कतको के,प्राण पथरा गिट्टी में।। अउ खुलही मनमाने,गांव में शोर हा होंगे एक्सक्यूज मी प्लीज भोरहा होगे... इडी के छापा,छापा देख के परथे। बइठे जे विपक्ष में,सिरतों कतेक दंदरथे।। मान मनोती कर कठलहा,तय अफसर के। नई होय तोर काम बिना,पइसा दफ़्तर के।। बिकास ला लगगे पंख,देखतो जोर हा होंगे.... एक्सक्युज मी प्लीज भोरहा होंगे... रचनाकार ✍️ 🤣कठलहा 🤣 ...